कालीन एक्सपोर्टर ने एसबीआई को लगाई 7.40 करोड़ की चपत
सीबीआई ने कंपनी व तीन के खिलाफ दर्ज किया मामला दर्ज
लखनऊ भदोही की कालीन एक्सपोर्ट कम्पनी और उसके निदेशकों ने एक्सपोर्ट के नाम पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 7 करोड़ 40 लाख रुपये की चपत लगा दी। एसबीआई वाराणसी के रीजनल मैनेजर की शिकायत पर लखनऊ सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने कम्पनी, उसके दो निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
सीबीआई के मुताबिक, वाराणसी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रीजनल मैनेजर प्रकाश चौधरी की शिकायत पर भदोही की शिवांग कारपेट प्राइवेट लिमिटेड, उसके दो निदेशक रंजीत सिंह, अभिषेक सिंह के खिलाफ आपराधिक साजिश, अमानत में खयानत, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज का मामला दर्ज किया है।
बैंक को किया बाईपास: रीजनल मैनेजर की शिकायत के मुताबिक, भदोही के नया बाजार के फत्तूपुर स्थित कम्पनी शिवांग कारपेट प्राइवेट लिमिटेड ने वर्ष 2015-16 और वर्ष 2016-17 के 19 एक्सपोर्ट बिल (6 करोड़ 56 लाख 38 हजार 93 रुपये जो ब्याज जुड़कर 7 करोड़ 40 लाख 7 हजार 9 सौ 94 रुपये हो गया) 1 मई 2017 को स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर व जयपुर में बिल परचेज लिमिट के तहत संस्तुति के लिए लगाए थे। उस दौरान इस बैंक का स्टेट बैंक आफ इंडिया में मर्जर नहीं हुआ था। कम्पनी के निदेशकों ने 19 में से 12 बिल से जुड़े दस्तावेज यह कहते हुए बैंक को नहीं दिए कि उन्हें सीधे कम्पनी को भेजा जाएगा। दिए गए 7 बिलों में से 4 डिमांड न पूरी होने, 2 बिल ऑर्डर न पहुंचने और एक वापसी या भुगतान न होने की वजह बताकर वापस ले लिए गए। इसके अलावा 3 अन्य बिलों में भी फ्रॉड किया गया।
माल लोड नहीं हुआ बिल लगा दिए
बिल एक्सपायर हुए तो बैंक ने जर्मनी की कम्पनी टेपिके लाली ओएचजी से संपर्क किया। कम्पनी ने बताया कि उनके पास कोई बिल और दस्तावेज नहीं आए। बैंक ने शिपिंग कम्पनी इंडो ग्लोब से संपर्क किया तो पता चला कि जिन 12 बिलों की बात बैंक कर रहा है उससे जुड़ा कोई भी माल उनके यहां नहीं लोड हुआ है। बैंक की पड़ताल में खुलासा हुआ कि कम्पनी के निदेशकों ने फर्जी बिल और दस्तावेज तैयार कर माल कहीं और भेजकर बैंक के साथ फर्जीवाड़ा किया है। यही नहीं कम्पनी ने बिलों के भुगतान की रकम भी निदेशकों ने बैंक में नहीं जमा करवाई