रुपये की गिरावट से श्रम आधारित क्षेत्रो में कालीन को काफी लाभ के निर्यातकों को सर्वाधिक लाभ

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नई दिल्ली, कृषिसमुद्री उत्पादकालीनहस्तशिल्प और वस्त्र जैसे श्रम बाहुल्य वाले क्षेत्र से निर्यातकों को रुपये के अवमूल्यन के कारण सर्वाधिक लाभ प्राप्त होगा तथा अधिकांश के लिए हेजिंग की लागत सर्वाधिक होगी और साथ ही अपनी मुद्रा के अवमूल्यन के कारण चीन लाभ की स्थिति में होगा। निर्यातकों ने मंगलवार को पीटीआई को बताया कि रत्न एवं आभूषणइलेक्ट्रानिक्स एवं महंगे इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्र रुपये के अवमूल्यन से लाभान्वित नहीं होंगे। ये क्षेत्र कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर करते हैं। निर्यातकों के संग”न फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, wमहत्वपूर्ण लाभ अर्जित करने वाले क्षेत्रों में कृषिसमुद्री उत्पादकालीनहस्तशिल्प और वस्त्र जैसे पारंपरिक निर्यात क्षेत्र शामिल होंगे। हालांकि रत्न एवं आभूषणइलेक्ट्रानिक्स एवं महंगे रसायन जैसे क्षेत्रों पर सीमित प्रभाव होगा। इन क्षेत्रों की आयात पर अधिक निर्भरता है। wइस बीच रुपया आज अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 55 पैसे की तेजी के साथ 66.10 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कल रुपया 82 पैसे की गिरावट के साथ 66.65 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ के महासचिव डी के नायर ने कहा, w हालांकि समस्या यह है कि हमारा सबसे बड़ा प्रतिस्पर्धी देश चीन है। भारत के वस्त्र निर्यातक चीन से पिछड़ सकते हैं जिसकी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता कहीं अधिक है।  हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के पूर्व अध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा ने कहा, wस्वाभाविक तौर पर हस्तशिल्प निर्यातक लाभान्वित होंगे। हालांकि आयात महंगा होगाकच्चे माल की लागत बढ़ेगीइसके बावजूद निर्यात की मांग बढ़ेगी। इसलिए निर्यातकों को लागत लाभ 50 प्रतिशत का होगा। उन्होंने कहा कि निर्यातकों के लिए हेजिंग लागत को भी बढ़ाया जायेगा। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष विपुल शाह ने कहा, w रत्न एवं आभूषण निर्यातकों पर अवमूल्यन का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होगा। हालांकि कच्चे माल की लागत बढ़ेगी। ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अनुपम शाह ने कहा, w मुझे नहीं लगता कि हमें अधिक सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा क्योंकि हमारा निर्यात प्रतिस्पर्धी नहीं है तथा चीनी मुद्रा का अवमूल्यन भी किया गया है। wइसके अलावा सरकार द्वारा महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने के लिए संसद के मानसून सत्र को फिर से बुलाने के इरादे को जताने के बीच सेंसेक्स कल दर्ज हुई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के बाद आज उतार चढ़ाव भरे कारोबार में 290 अंक की तेजी के साथ 26,000 अंक के स्तर को फिर से हासिल करने में सफल रहा। निफ्टी में करीब 71 अंक की तेजी आई।
फिक्की के महासचिव ए दीदार सिंह ने कहा, w सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक दोनों स्थिति पर करीबी नजर रखे हैं और हमें उम्मीद है कि यह विकासक्रम हमें सुधार प्रक्रियाओं को तेज करनेभारतीय अर्थव्यवस्था को अधिक गतिमान बनाने तथा आंतरिक दबाव झेलने लायक बनाने में मदद करेगा।

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