कारपेट एक्सपो का वस्त्रमंत्री ने किया उद्घाटन

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फेयर के सफल आयोजन के लिये दिया कांउसिल को बधाई

कहा उद्योग को बढ़ावा देने को मंत्रालय सदैव तत्पर

कपड़ा राज्य मंत्री ने कहा कि टेक्सटाइलस सेक्टर में रोजगार की असीम संभावनाए हैं. कालीन उद्योग के विकास के प्रति सरकार संकल्पित हैi आज कालीन उद्योग टेक्सटाइल का  तीसरा हिस्सा अकेले कवर कर रहा है. कालीन उद्योग पंरपरागत रूप से काम करने वालो कारीगरों का हैl मोदी सरकार लगातार तीन सालों से इसमें गति प्रदान कर रही हैl यह बातें केंद्रिय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा ने वाराणसी में कालीन निर्यात संवर्धन परिषद आयोजित इंडिया कारपेट एक्सपो के उद्घाटन समारोह में कहीl अजय टम्टा ने सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मंगलवार से शुरू 4 दिवसीय 34वें कारपेट एक्सपो का दीप प्रजल्वित करके उद्घाटन कियाl समारोह में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होने कहा कि परंपरागत रूप से कालीन बुनकरों को प्रशिक्षित कर इस कला के माध्यम हम विदेशों में भी भारतीय कालीन उद्योग की पहचान को बढ़ा रहे हैl भारत में भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी, जयपुर कश्मीर, पानीपत समेत कई ऐसे स्थान है जिन्हें कालीन उद्योगों के लिए जाना जाता है. यह भी अपने आप में एक ब्रांड हैl इस मेले में लगभग 60 देशों के 400 विदेशी आयातक शामिल हो रहे हैं. यह कालीन उद्योग के लिए अच्छा संकेत हैl फेयर के सफल आयोजन पर उन्होने कारपेट एक्सपोर्ट प्रमोशन कांउसिल को बधाई दी हैl कारपेट एक्सपो के माध्यम से कालीन निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैlकाउंसिल और सरकार के प्रयासों से कालीन उद्योग का निर्यात दस हजार करोड़ से भी अधिक हो चुका है यह उद्योग अंतिम पंक्ति में खड़ा कमजोर व्यक्ति की मदद कर रहा है. काउंसिल द्वारा आयोजित इस मेले से भारत की कला को विश्व स्तर पर बढ़ावा मिल रहा है इस क्षेत्र में रोजगार और व्यापार बढ़े, इस पर मंत्रालय सदैव सहयोग करने को तत्पर हैlउन्होने बताया कि टेक्सटाइल उद्योग 33 हजार करोड़ का हो चुका हैl कारीगरों, कालीन बुनकरों और निर्यातकों को सहयोग कर इसे और बढ़ाया जा रहा हैlपत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होनें कहा कि कालीन उद्योग को जीएसटी में राहत मिली हैlइस दौरान केंद्रिय मंत्री ने मेले में लगे विभिन्न स्टालों का भी भ्रमण कियाl


कांउसिल के चेयरमेन महावीर शर्मा ने कहा भारतीय कालीन एक्सपो एशिया के सबसे बड़े कालीन मेलों में से एक है, जहां एक ही छत के नीचे अनेकों प्रकार के क्वालिटी डिजायन के उत्पाद प्रदर्शित किये गयेlकालीन उत्पाद में उत्पाद के कच्चे माल जूट, काटन, सिल्क, ऊन आदि का प्रयोग होता है, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं होता हैl यह ऐसा उद्योग है जो किसी भी प्रकार का प्रदुषण नहीं करता हैl

आज इस मेले के पहले दिन 350 आयातक व उनके प्रतिनिधि ने पंजीकरण कराया l

इस मौके पर परिषद के विकास आयुक्त हस्तशिल्प शान्तुमनी, कछवा विधायक सुषमा मौर्या, सीईपीसी के उपाध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह और परिषद के प्रशासनिक समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहेl

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