दलितों, पिछड़ों व महिलाओं को उद्योग लगाने पर Iकोटा,सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र में मिलेगा लाभ
ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं और नि:शक्तों को उद्योग स्थापना के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला किया है।
इसके लिए इन्हें इंडस्ट्रियल एरिया में भूखंड आवंटन और ब्याज उपादान योजना में प्राथमिकता दी जाएगी। दोनों ही मामलों में इनका हिस्सा तय कर दिया गया है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय के अधीन इंडस्ट्रियल एरिया में भूमि आवंटन की व्यवस्था है।
सरकार ने इसमें अनुसूचित जाति व जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला, नि:शक्त और भूतपूर्व सैनिकों का प्रोत्साहन कोटा तय कर दिया है।
भूखंड आवंटन में तय सीमा तक प्राथमिकता दी जाएगी। इसी तरह उद्योग लगाने की विभिन्न योजनाओं के तहत उद्यमियों को ब्याज उपादान योजना (ब्याज के निश्चित हिस्से की सरकार की ओर से प्रतिपूर्ति) का लाभ मिलता है।
इसमें महिलाओं को अलग से कोटा नहीं दिया गया है, लेकिन अनुसूचित जाति व जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, नि:शक्त और भूतपूर्व सैनिकों के लिए हिस्सेदारी तय कर दी गई है।
शासन ने सभी प्रमुख सचिवों व सचिवों तथा निदेशक उद्योग को इस पर अमल के निर्देश दिए हैं। सरकार को उम्मीद है कि इससे कमजोर और वंचित वर्ग के लोग भी उद्यम लगाने के लिए आगे आएंगे।
जिलों का होगा वर्गीकरण, महिलाओं को 20 फीसदी आरक्षण प्रदेश सरकार ने जिलों को ए, बी व सी श्रेणी में वर्गीकृत करते हुए इन्हें क्रमश: विकसित, विकासशील और अल्प विकसित जिलों के रूप में श्रेणीबद्ध करने का फैसला किया है।
बी श्रेणी के जिलों में बैंक व वित्तीय संस्थाएं उद्यम लगाने के लिए ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से अधिकतम तीन लाख रुपये प्रति इकाई प्रतिवर्ष की दर से पांच वर्ष तक ब्याज की प्रतिपूर्ति करेगी।
इसी तरह सी श्रेणी वाले जिलों में 7 प्रतिशत की दर से अधिकतम तीन लाख रुपये प्रति इकाई प्रतिवर्ष की दर से पांच साल तक ब्याज की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
शासन ने इस प्रोत्साहन स्कीम में महिला उद्यमी योजना को भी शामिल कर लिया है। ब्याज उपादान की इस स्कीम में महिलाओं को 20 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।