फ्रॉड-कागज पर कालीन निर्यात करके लिया जीएसटी रीटर्न
वाराणसी. एक कालीन व्यसायी पर फर्जी कागजातों और कागजो पर ही निर्यात के मामले में इनकम टैक्स के छापे की खबर एक पोर्टल पर आने के बाद निर्यातक में फर्जी निर्यात मामला फिर चर्चा में आ गया है लंबे समय से कालीन निर्यात में ओवर invoicing और ड्रा बैक के घोटाले के मामले आते रहे ताजा मामला आने से इस तरह के मामले की चर्चा होने लगीं रिपोर्ट के मुताबित वाराणसी शहर के एक प्रमुख निर्यातक के यहां पर बुधवार को जीएसटी व कस्टम के छापे में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। व्यसायी ने कागज पर ही निर्यात कर जीएसटी रिटर्न भी ले लिया था। फर्जी कागजात के आधार पर बैंक से करोड़ों का लोन भी ले चुका था। संयुक्त टीम की प्रारंभिक जांच में घोटाले की रकम 12 करोड़ तक पता चली है। जो जांच के बाद बढ़ सकती है। घंटों छापेमारी के बाद टीम के सदस्यों ने महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त कर अपनी जांच शुरू कर दी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही घोटाले की सारी रकम की जानकारी होगी।वस्तु व सेवाकर विभाग (जीएसटी) व सीमा शुल्क (कस्टम) विभाग ने सुन्दरपुर स्थित एक बड़े निर्यातक सूत्रों के मुताबित कंपनी सिंह और शुल्क के पार्टनरशिप में थी यहां पर सुबह ही छापेमारी की थी। शहर के एक बड़े चिकित्सक का भाई निर्यात के साथ प्रॉपटी, कालीन, स्कूल आदि कई बिजनेस करता है। टीम ने आवास पर कार्यालय पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया है। विभागीय सूत्रों की माने तो कारोबारी हमेशा ही निर्यात कम होने की बात करता था लेकिन कागज पर अधिक निर्यात दिखा कर जीएसटी रिर्टन तक ले लिया था। सूत्रों की माने तो फर्जी कागजात के आधार पर कई बैंक से लोन लेने के भी दस्तावेज मिले हैं। छापेमारी के दौरान व्यापारी वहां पर नहीं था। टीम के सदस्यों ने परिजनों से व्यापार से जुड़े आवश्यक दस्तावेज लेने के साथ कम्प्यूटर हार्डडिस्क को भी अपने कब्जे में ले लिया है। सदस्यों ने दस्तावेजों की जैसे-जैसे जांच शुरू की। वैसे ही सारी सच्चाई सामने आ गयी। प्रारंभिक जांच में करोड़े के फ्रॉड की जानकारी सामने आयी है जो बाद में बढ़ भी सकती है। सूत्रों ने बताया कि व्यवसायी की पहले भी कई टीम जांच कर चुकी है। विभागीय अधिकारियों ने छापेमारी पर अधिकारिक रुप से कुछ बोलने से इंकार कर दिया है।