सरकार का मुख्य जोर प्रमुख बंदरगाहों की संचालन क्षमता में सुधार लाना है: नितिन गडकरी
केंद्रीय शिपिंग, सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि प्रमुख बंदरगाहों के कार्य प्रदर्शन में 2008 से 2015 तक गिरावट देखी गई लेकिन 2015 में उनके कार्य प्रदर्शन में सुधार दिख रहा है।
श्री गडकरी आज नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
श्री गडकरी ने कहा कि 2008 से 2014 के दौरान प्रमुख बंदरगाहों का लाभ मार्जिन 43 प्रतिशत से घटकर 28 प्रतिशत हो गया और प्रमुख बंदरगाहों का बाजार हिस्सा इस अवधि में 72 प्रतिशत से गिरकर 57 प्रतिशत हो गया। उन्होंने कहा कि देश का सकल घरेलू उत्पाद बढ़ाने के लिए बंदरगाहों का विकास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का बल प्रमुख बंदरगाहों को आधुनिक बनाने तथा उनकी संचालन क्षमता बढ़ाने पर है। उन्होंने कहा कि नए प्रयासों से प्रमुख बंदरगाहों के कामकाज में सुधार दिखा है। 2015 में कारगो 4.6 प्रतिशत बढ़ा है और राजस्व में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता में सुधार के लिए शुरू किए गए कार्यक्रम में प्रमुख बंदरगाहों को और अधिकार देना, मोरमुगांव बंदरगाह में 18 मीटर कैप्टल ड्रेजिंग, तेल प्रदूषण दूर करने में बंदरगाहों को सहायता की नई योजना, तटीय बर्थ, यात्री जेट्टी स्थापना के लिए नई योजना, अंतिम छोर तक संपर्क पर जोर देने के लिए नई कंपनी इंडियन पोर्ट रेल कॉरपोरेशन की स्थापना, बाहर की परियोजनाएं हाथ में लेने के लिए इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल नामक नई कंपनी की स्थापना, बंदरगाह मुखी विकास को बढ़ावा देने के लिए सागरमाला परियोजना, उपकरण और टेक्नालॉजी उन्नयन, मशीनीकरण तथा बड़े जहाजों के लिए कार्यक्रम शामिल हैं।
शिपिंग सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री ने बताया कि प्रमुख बंदरगाह 200 मेगावाट हरित ऊर्जा का उत्पादन करेंगे। इसमें 150 मेगावाट सौर ऊर्जा तथा 50 मेगावाट पवन ऊर्जा है। उन्होंने कहा कि भारत के बंदरगाह क्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय व्यवहारों को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकताओं में बंदरगाहों पर अपशिष्ट जल शोधन, वायु प्रदूषण में कमी के लिए जैव डीजल उपयोग तथा बंदरगाहों पर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल तथा चिकित्सा सुविधाएं प्रारंभ करना है। इससे पहले इस अवसर पर शिपिंग सचिव श्री राजीव कुमार ने कहा कि सरकार तटीय तथा अंतर्देशीय जलमार्ग को प्रोत्साहित कर रही है। परिवहन लागत पर बंदरगाहों की क्षमता का प्रभाव पड़ता है। इस अवसर पर एक प्रजेंटेशन भी रखा गया। प्रजेंटेशन के लिए लिंक नीचे है।
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