40 मजदूर होने पर ही यूनिट पर लागू होगा कारखाना अधिनियम

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योगी सरकार ने जहां निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के पंजीयन शुल्क को कम कर दिया है, वहीं उत्पादन यूनिट लगाने वाले लघु उद्यमियों के लिए भी राहत प्रदान कर दी है।

अब न्यूनतम 40 मजदूर होने पर ही वो यूनिट कारखाना अधिनियम के दायरे में आएगी। अभी तक किसी भी यूनिट में 20 मजदूर काम करने पर ही वहां अधिनियम के सारे प्रावधान लागू हो जाते थे। कैबिनेट की बैठक में इन प्रस्तावों पर मुहर लगा दी गई।वहीं सरकार ने निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों का पंजीयन शुल्क 50 रुपये से घटाकर 20 रुपये कर दिया गया है। रिन्युवल फीस भी घटाकर 20 रुपये कर दी गई है। एक बार कराया गया पंजीकरण तीन साल तक मान्य रहेगा।अभी तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए यह जरूरी था कि श्रमिक का लगातार तीन साल तक पंजीकृत रहा हो, पर अब यह अवधि घटाकर एक साल कर दी गई है। वहीं, कारखाना अधिनियम के लिए मजदूरों की निर्धारित न्यूनतम संख्या में भी इजाफा कर दिया गया है। बता दें कि किसी भी यूनिट के कारखाना अधिनियम में आने पर नियोक्ता को सामाजिक सुरक्षा की योजना को लागू करना अनिवार्य होता है।

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