रेल बजट 2016-17 की विशेषताएं

0
यात्री किराए में कोई वृद्ध‍ि नहीं
65,000 अतिरिक्‍त बर्थ और 17,000 बॉयो टॉयलेट लगाए जाएंगे
प्रस्‍तावित रेलों की समयबद्धता में सुधार के लिए परिचालन ऑडिट
400 और स्‍टेशनों पर वाई-फाई सुविधा
स्‍टेशनों का विकास सार्वजनिक-निजी साझेदारी के आधार पर किया जाएगा
इस वित्‍तीय वर्ष के अंत तक समर्पित मालभाड़े गलियारे के लिए सिविल अनुबंध पूर्ण
ई-टिकटिंग प्रणाली की क्षमता को बढ़ाया जाएगा
वरिष्‍ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए निचली बर्थ का कोटा बढ़ाया गया, 820 आरओबी/आरयूबी का निर्माण
परिचालन अनुपाता को 90 प्रतिशत से 92 प्रतिशत तक किया जाएगा
नारगोल-हजीरा बंदरगाह संपर्क परियोजना के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी
मॉडल पर होगा काम
इस वर्ष के रेल बजट में यात्री भाड़े में कोई वृद्ध‍ि नहीं की गई है। रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने आज संसद में वर्ष 2016-17 का रेल बजट पेश करते हुए रेलवे की उपलब्धियों, योजनाओं के निष्‍पादन और आगामी महत्‍वपूर्ण परियोजनाओं की जानकारी दी। श्री प्रभु ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अभिकल्‍पना और नेतृत्‍व ने भारतीय रेल को बेहद प्रोत्‍साहन दिया है। रेल मंत्री ने कहा कि भारत की प्रगति और आर्थिक विकास की रीढ़ बनाना ही उनका दृढ़ इच्‍छा है। रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने 2020 तक आम आदमी की लंबे समय से चली आ रही आशाओं को पूर्ण करने की वचनबद्धता भी जताई। उन्‍होंने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी के अंतर्गत स्‍टेशनों के पुनर्विकास के लिए मंत्रिमंडल की स्‍वीकृति भी मिल चुकी है।
श्री सुरेश प्रभु ने चुनौतियां से निपटने के लिए भारतीय रेल के पुनर्गठन,पुनर्निर्माण पुनरूद्धार के लिए ‘’चलो, मिलकर कुछ नया करें’’ का नारा दिया। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए कार्यनीति के तीन स्‍तंभों- नव अर्जन, नव मानक, नव संरचना के आधार पर कार्य किया जाएगा। 
      उन्‍होंने कहा कि 2015-16 के लिए आठ हजार 720 करोड़ रूपये की बचत होने से राजस्‍व की अधिकांश कमी को पूरा कर लिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि 2016-17 के लिए परिचालन अनुपात का निर्धारित लक्ष्‍य 92% है। श्री प्रभु ने कहा कि 7वें वेतन आयोग का तात्‍कालिक प्रभाव शामिल करने के बाद साधारण संचालन व्‍यय को 11.6%तक सीमित रखना, डीज़ल और बिजली खपत में योजनाबद्ध कटौती, 1,84,820 करोड़ रुपये के राजस्‍व सृजन का निर्धारित लक्ष्‍य है।
      श्री प्रभु ने रेलवे को और सुविधायुक्‍त बनाने के क्रम में, भारतीय रेल में यात्रियों को और अधिक सुविधाएं देने का प्रस्‍ताव किया गया है। इनके तहत रेलों में 65,000 अतिरिक्‍त बर्थ और 2500 वैंडिग मशीनें उपलब्‍ध कराई जाएगीं। रेलवे ने विश्‍व का प्रथम बॉयो-वैक्‍यूम टॉयलेट वि‍कसित किया है और रेलों में 17,000 बॉयो-टॉयलेट प्रदान किए जाएगें। रेलों के परिचालन में सुधार लाने के लिए गाजियाबाद से मुगलसराय तक परिचालन ऑडिट प्रारंभ किया जाएगा। रेलवे में संपूर्ण देश में मोबाइल ऐप के साथ-साथ 1,780 स्‍वचालित टिकिट मशीने भी लाने का प्रस्‍ताव है। उन्‍होंने कहा कि 400 और स्‍टेशनों पर वाई-फाई सुविधा उपलब्‍ध कराई जाएंगी।
श्री प्रभु ने कहा कि 2020 तक आम आदमी की लंबे समय से चली आ रही आशा को पूरा करने के अंतर्गत गाड़ि‍यों में आरक्षित एकोमोडेशन मांग पर उपलब्‍ध होना,मालगाड़ि‍यों का समय-सारणी के अनुसार चलना, संरक्षा रिकॉर्ड में सुधार लाने के लिए अत्‍याधुनिक टैक्‍नॉलोजी, बिना चौकीदार वाले सभी समपारों को समाप्‍त करना, उन्‍नत समय-पालन, माल गाड़ि‍यों की उच्‍चतर औसत गति, सेमी हाई स्‍पीड ट्रेनें जो स्‍वर्णिम चतुर्भुज पर चलें, मानव अपशिष्‍ट का जीरो डायरेक्‍ट डिस्‍चार्ज शामिल है।
      रेल मंत्री ने कहा कि 2015-16 के लिए 139 बजट उद्घोषणाओं पर कार्रवाई प्रारंभ की गई है। 2015-16 के लिए जीवन बीमा निगम के जरिए सुनिश्चित वित्‍तपोषण, 2500 किलोमीटर बड़ी आमान लाइनों को चालू करना; 1600 किलोमीटर का विद्युतीकरण चालू करना; 2016-17 में 2800 किलोमीटर रेलपथ को चालू करने का लक्ष्‍य निर्धारण; बड़ी आमान लाइनों पर पिछले 6 वर्षों में लगभग 4.3 किमी प्रति दिन की औसत की तुलना में 7 किलोमीटर प्रति दिन की गति से चालू करने का लक्ष्‍य है। यह 2017-18 में लगभग 13 किलोमीटर प्रतिदिन और 2018-19 में 19 किलोमीटर प्रतिदिन तक बढ़ जाएगा। 2017-18 में लगभग 9 करोड़ श्रम दिवस के रोजगार सृजन; 2016-17 में रेलवे विद्युतीकरण के लिए परिव्‍यय लगभग 50% तक बढ़ाया गया है। इसे 2000 किलोमीटर तक विद्युतीकृत करने का लक्ष्‍य है।
      रेल मंत्री ने कहा कि 31 मार्च, 2016 तक लोक अभियांत्रिकी निर्माण कार्यों के लिए लगभग सभी ठेके दिए जाने है। पिछले 6 वर्षों में दिए गए 13,000 करोड़ रुपये के ठेकों की तुलना में नवंबर 2014 से 24,000 करोड़ रूपये के ठेके आबंटित किए गए हैं। सार्वजनिक निजी भागीदारी सहित नवीन वित्‍तपोषण के जरिए उत्‍तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम और पूर्व तट माल गलियारों को प्रारंभ करने का प्रस्‍ताव है।
      श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि टूना बंदरगाह शुरू कर दिया गया है और जयगढ़, दीघी,रेवास और पारादीप पोर्ट के लिए रेल संपर्क व्‍यवस्‍था की परियोजनाओं का कार्यन्‍वयन किया जा रहा है। वर्ष 2016-17 में सार्वजनिक निजी भागीदारी के अंतर्गत नारगोल और हाजिरा पोर्ट के लिए रेल कनेक्टिविटी का कार्यन्‍वयन। असम में बड़ी लाइन पर लमडिंग-सिलचर खंड खोल दिया गया है और इससे बराक घाटी देश के साथ जुड़़ गई है; अगरतला भी बड़ी लाइन से जुड़ गया है। कटखल-भैराबी और अरुणाचल-जीरीबाम की ब्रॉड गेज परिवर्तन परियोजनाएं जल्‍दी ही खोल दिए जाने पर मिजोरम और मणिपुर राज्‍य भी देश में बड़ी लाइन से जुड़ जाएंगे।
      रेल मंत्री ने कहा कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल संपर्क परियोजना का कटरा-बनिहाल खंड का कार्य संतोषजनक ढंग से प्रगति कर रहा है; कुल 95 किलोमीटर में से,35 किलोमीटर सुरंग का कार्य पूरा हो गया है; जालंधर-जम्‍मू लाइन में भीड़-भाड़ कम करने का कार्य पूरी तेजी से चल रहा है और मार्च, 2016 तक दो पुलों का दोहरीकरण का कार्य पूरा कर उन्‍हें चालू कर दिया जाएगा, जबकि अन्‍य दो पुलों को 2016-17 तक पूरा कर लिया जाएगा।
श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि मेक इन इंडिया के तहत दो लोको फैक्‍टरियों के लिए नीलामी को अंतिम रूप दे दिया गया है। ट्रेन सैट की मौजूदा खरीद को 30% तक बढ़ाने का प्रस्‍ताव है। पारदर्शिता के लिए वर्ष 2015-16 में ऑनलाइन भर्ती शुरू की गई है, अब सभी पदों के लिए इस प्रक्रिया को अपनाया जाता है। सोशल मीडिया को पारदर्शिता लाने में उपकरण के रूप में प्रयोग किया गया है।
      रेल मंत्री ने कहा कि आंतरिक ऑडिट उपायों के अंतर्गत कमियों का पता लगाने और नुकसान को रोकने के लिए कुछ क्षेत्रों में रेल परिचालन की जांच का कार्य विशेषज्ञता टीमों को सौंपने का प्रस्‍ताव है। साझेदारी- राज्‍य सरकारों के साथ संयुक्‍त उद्यम के लिए मंत्रिमंडल के अनुमोदन, 17 ने सहमति प्रदान कर दी है और राज्‍य सरकारों के साथ 6 समझौते पत्र ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए हैं। बजट दस्‍तावेजों में 44 नई साझेदारियों के कार्यों का उल्‍लेख किया गया है, जिसमें लगभग 5,300 किमी कवर होगा और जो 92,714 करोड़ रुपए मूल्‍य की हैं।
     रेल मंत्री ने कहा कि ग्राहक इंटरफेस के तहत सोशल मीडिया और समर्पित आईवीआरएस सिस्‍टम के माध्‍यम से संवाद और फीडबैक प्राप्‍त किया जाता है। यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए 65,000 अतिरिक्‍त शायिकाएं बनाना, 2,500 वाटर वेंडिंग मशीनें लगाना, आधुनिक साज-सज्‍जा के सवारी डिब्‍बों वाली ‘महामना एक्‍सप्रेस’चलाना, गाड़ि‍यों में 17,000 जैव-शौचालय की व्‍यवस्‍था करना; विश्‍व का पहला बायो-वैक्‍यूम टॉयलेट विकसित किया गया है।
      उन्‍होंने कहा कि समयपालन में सुधार के लिए गाजियाबाद से मुगलसराय खंड के लिए परिचालन ऑडिट की व्‍यवस्‍था करने का भी प्रस्‍ताव है। टिकटिंग के अंतर्गत 1,780 ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीनें लगाना; यूटीएस एवं पीआरएस टिकटों की कैशलेस खरीद के लिए मोबाइल एप और गो इंडिया स्‍मार्ट कार्ड, ई-टिकटिंग सिस्‍टम की क्षमता को 2000 टिकट प्रति मिनट से बढ़ाकर 7,200 टिकट प्रति मिनट करना और एक ही समय पर 1,20,000 उपयोगकर्ता इसका उपयोग कर सकते हैं जबकि पहले केवल 40,000 ही कर सकते थे।
      श्री प्रभु ने कहा कि सामाजिक पहल के तहत ऑनलाइन टिकट बुक करते समय रियायत पाने के लिए एक बारगी पंजीकरण, दिव्‍यांगों के लिए व्‍हील चेयरों की ऑनलाइन बुकिंग और ब्रेल सुविधा से युक्‍त नए सवारी डिब्‍बों का प्रावधान करना;वरिष्‍ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए निचली बर्थों का कोटा बढ़ाना; महिलाओं के लिए सवारी डिब्बों में मिडल बे को आरक्षित करना शामिल है।
      रेल मंत्री ने कहा कि स्‍टेशन पुनर्विकसित करने के तहत हबीबगंज, भोपाल के लिए वित्‍तीय बोली प्राप्‍त हो गई है। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि संरक्षा के तहत चौकीदार वाले 350 समपार बंद करना, बिना चौकीदार वाले 1,000 समपार समाप्‍त करना है और मौजूदा वर्ष में 820 आरओबी/आरयूबी का कार्य पूरा किया गया और 1,350 पर कार्य चल रहा है।
            रेल मंत्री ने अन्‍य प्रमुख उपलब्धियां का उल्‍लेख करते हुए बताया कि ऊर्जा के अंतर्गत आगामी वित्‍त वर्ष में ही अर्थात निर्धारित समय से एक वर्ष पहले 3,000 करोड़ रुपए की वार्षिक बचत प्राप्‍त कर ली जाएगी। यह बचत डीम्‍ड डिस्‍ट्रीब्‍यूशन लाइसेंसी के रूप में भारतीय रेल की स्थिति का उपयोग कर प्रतिस्‍पर्धी दरों पर सीधे बिजली खरीदने के कारण होगी।
      रेल मंत्री ने कहा कि रेल विश्‍वविद्यालय की मुहिम के तहत प्रारंभ में वड़ोदरा स्थित भारतीय राष्‍ट्रीय रेल अकादमी की पहचान की गई है।
      डिजिटल इंडिया के अंतर्गत ट्रैक प्रबंधन प्रणाली (टीएमएस) एप्‍लीकेशन शुरू की गई है, इन्‍वेंटरी प्रबंधन मॉडयूल की इन्‍वेंटरी में 27,000 एमटी की कमी आई है, जिससे 64 करोड़ रुपए की बचत हुई है और 53 करोड़ रुपए मूल्‍य के समतुल्‍य 22,000 एमटी स्‍क्रैप चिह्नित किया गया है।
      रेल मंत्री ने बताया कि यात्रा की गुणवत्‍ता में सुधार करने के साथ-साथ अनारक्षित यात्रियों के लिए भी निम्‍न कदम उठाए जाने है-
·                     अंत्योदय एक्‍सप्रेस अनारक्षित, सुपरफास्‍ट सेवा
·                     दीन दयालु सवारी डिब्‍बे– पेयजल और बड़ी संख्‍या में मोबाइल चार्जिंग के पांइटों वाले अनारक्षित सवारी डिब्‍बे
आरक्षित यात्रियों के लिए 
·                     हमसफ़र– पूर्णत: वातानुकूलित 3एसी सेवा जिसमें भोजन के विकल्‍प की सेवा मौजूद हो
·                     तेजस– तेजस भारत में रेलगाड़ी यात्रा के भविष्‍य को दिखाएगी। 130 किलोमीटर प्रति घंटा और उससे अधिक गति पर चालित, ये जवाबदेही और उन्‍नत ग्राहक संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए एक सेवा प्रदाता के माध्‍यम से ऑनबोर्ड सेवाएं पेश करेगी जैसे मनोरंजन, स्‍थानीय भोजन, वाई-फाई आदि।
·                     टैरिफ और नॉन-टैरिफ उपायों के माध्‍यम से लागत की वसूली सुनिश्चित करने के लिए हमसफ़र और तेजस
·                     उदय– सबसे व्‍यस्‍त मार्गों पर रात्रिकालीन डबल डेकर, उत्‍कृष्‍ट डबल डेकर वातानुकुलित यात्री एक्‍सप्रेस जिससे वहन क्षमता के लगभग 40% बढ़ाने की संभावना हैं।
      उन्‍होंने बताया कि टिकटिंग के मामले में, हैंड हैल्‍ड टर्मिनलों के माध्‍यम से टिकटों की बिक्री; विदेशी डेबिट/क्रेडिट कार्डों से ई-टिकटिंग सुविधा; पायलट आधार पर बार कोड वाली टिकटें, स्‍कैनर और एक्‍सेस कंट्रोल शुरू किए जाएगें। विकल्‍प योजना का विस्‍तार किया जाएगा ताकि प्रतीक्षा सूची के यात्री विनिर्दिष्‍ट गाड़ि‍यों में यात्रा के लिए अपनी इच्‍छा दर्ज करा सकें। पत्रकारों के लिए रियायती पासों पर टिकटों की ई-टिकटों की सुविधा उपलब्‍ध; हेल्‍पलाइन 139 पर यात्रियों को पंजीकृत फोन नंबर पर भेजे गए‘वन टाइम पासवर्ड’ का उपयोग करते हुए टिकट रद्द कराने की सुविधा, तत्‍काल काउंटरों को उत्‍तरोतर ढंग से सीसीटीवी के दायरे में लाना और पीआरएस वेबसाइट का आवधिक ऑडिट किया जाएगा।
श्री प्रभु ने स्‍वच्‍छता की दिशा में एसएमएस के जरिए ‘क्‍लीन माई कोच’ सेवा,नि‍यमित अंतराल पर तीसरी पार्टी ऑडिट और यात्रियों से फीडबैक के आधार पर ए1 और ए श्रेणी के स्‍टेशनों का रैंक निर्धारण करना, अपशिष्‍ट पृथकीकरण और पुनर्चक्रण केन्‍द्र, ‘जागरूकता अभियान, 30,000 अतिरिक्‍त जैव-शौचालय, वरिष्‍ठ नागरिकों,दिव्‍यांगों और महिला यात्रियों के लिए चुनिंदा स्‍टेशनों के सभी प्‍लेटफार्मों पर पोर्टेबल जैव-शौचालय मुहैया कराना, शौचालय बनाने और उनके रखरखाव के लिए विज्ञापन अधिकार, सीएसआर, सामाजिक संगठनों की ओर से स्‍वैच्छिक सहायता प्रदान करने का प्रस्‍ताव भी दिया।
     रेल मंत्री ने बताया कि स्‍टेशनों पर खानपान और स्‍टॉल सुविधा के अंतर्गत चरणबद्ध आधार पर आईआरसीटीसी को खानपान सेवाओं का प्रबंध; खानपान सेवाओं को वैकल्पिक बनाने की संभावना का पता लगाना, आईआरसीटीसी द्वारा परिचालित 10 अन्‍य बेस किचन की व्‍यवस्‍था; स्‍थानीय स्‍वामित्‍व और सशक्तिकरण के लिए, जिला निवासियों को स्‍टेशनों पर वाणिज्यिक लाइसेंस देना प्राथमिकता में शामिल है।  
उन्‍होंने कहा कि रेल मित्र सेवा के अंतर्गत स्‍टेशनों पर वृद्धों और दिव्‍यांग यात्रियों की सहायता के लिए कोंकण रेलवे में सारथी सेवा का विस्‍तार, मौजूदा सेवाओं को सुदृढ़ करने, जिसमें यात्री, मौजूदा पिक अप एंड ड्राप सेवा और व्‍हील चेयर सेवाओं के अलावा भुगतान आधार पर बैटरी चालित कारें, कुली सेवाएं आदि बुक कर सकते हैं।
     रेल मंत्री ने बताया कि दिव्‍यांगों के लिए उपायों के तहत पुन: विकसित किए जा रहे सभी स्‍टेशनों का इस प्रकार से तैयार किया जा रहा है कि इनका दिव्‍यांगों द्वारा इस्‍तेमाल किया जा सके; आगामी वित्‍त वर्ष के दौरान ए1 श्रेणी स्‍टेशन के प्रत्‍येक प्‍लेटफार्म पर दिव्‍यांगों के लिए कम-से-कम एक शौचालय उपलब्‍ध करवाना और इन स्‍टेशनों पर पर्याप्‍त संख्‍या में व्‍हील चेअरों की उपलब्‍धता भी सुनिश्चित करना शामिल है।
श्री प्रभु ने बताया कि यात्रियों के लिए यात्रा बीमा के अंतर्गत रेल यात्राओं की बुकिंग के समय ही वैकल्पिक यात्रा बीमा उपलब्‍ध कराना शामिल है। विश्रामालयों की घंटे के आधार पर बुकिंग सुविधा का कार्यभार आईआरसीटीसी को सौंपा जाएगा। जननी सेवा के तहत गाडि़यों में बच्‍चों के लिए खानपान के पदार्थ, शिशु आहार, गरम दूध और गर्म पानी उपलब्‍ध कराया जाएगा।  
            रेल मंत्री ने जानकारी दी कि मोबाइल ऐप के माध्‍यम से टिकट संबंधी सभी कार्य करने और शिकायतों के निवारण करने और सुझाव प्राप्‍त करने के लिए दो मोबाइल ऐप में सभी सुविधाएं एकीकृत करना शामिल है।
     श्री प्रभु ने बताया कि ग्राहक इंटर फेस में सुधार लाने के तहत ग्राहकों से सीधे संपर्क में आने वाले रेल कर्मचारियों तथा उन कर्मचारियों, जिन्‍हें हम सेवा प्रदाताओं के माध्‍यम से नियुक्‍त करते हैं, को कार्य-कुशल बनाया जाएगा। गाडि़यों में सूचना बोर्ड लगाए जाएगें जिनमें गाडि़यों में उपलब्‍ध कराई जाने वाली सेवाओं का उल्‍लेख होगा और यात्रियों को आने वाले स्‍टेशनों के बारे में सही समय की सूचना प्रदान करने के लिए सवारी डिब्‍बों के भीतर जीपीएस आधारित डिजिटल डिस्‍पले बोर्ड भी लगाए जाएंगे। 2000 स्‍टेशनों पर रेल डिस्‍पले नेटवर्क नामक 20,000 स्‍क्रीन वाले एक अत्‍याधुनिक केन्‍द्रीकृत नेटवर्क स्‍थापित करने का कार्य जारी है। इससे यात्रियों को सही समय  सूचना उपलब्‍ध कराई जा सकेगी और बड़े पैमाने पर विज्ञापन की पर्याप्‍त संभावनाएं भी बढ़ेंगी। ए1 श्रेणी के सभी स्‍टेशनों पर यथोचित शक्तिसंपन्‍न स्‍टेशन निदेशक तैनात किए जाएंगे जिनकी सहायता के लिए विभिन्‍न श्रेणियों के कर्मचारियों का एक कार्यदल भी होगा; गाड़ी में इन सभी सुविधाओं के लिए एक व्‍यक्ति को जवाबदेह बनाया जाएगा।
      रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि धार्मिक महत्‍व के केन्‍द्रों पर यात्रियों की सुविधाओं की व्‍यवस्‍था और स्‍टेशनों के सौंदर्यीकरण को कार्य प्राथमिकता के आधार पर शुरू करने का प्रस्‍ताव है। इनमें अजमेर, अमृतसर, बिहार शरीफ, चेंगनूर, द्वारका,गया, हरिद्वार, मथुरा, नागपट्टनम, नांदेड़, नासिक, पाली, पारसनाथ, पुरी, तिरूपति,वेलंकन्‍नी, वाराणसी और वास्‍को शामिल हैं; इसके अलावा, महत्‍वपूर्ण तीर्थ स्‍थलों को जोड़ने के लिए आस्‍था सर्किट गाडि़यां चलाने की भी मंशा है। 
     उन्होंने कहा कि पोर्टरों को नई वर्दी देने और उन्‍हें सरल कौशल के तौर पर प्रशिक्षित करने की मंशा है, अब से, पोर्टर को सहायक के नाम से पुकारा जाएगा।
     श्री प्रभु ने बताया कि हाई स्‍पीड रेल योजना के अंतर्गत जापान सरकार की सहायता से अहमदाबाद से मुम्‍बई तक एक हाई स्‍पीड पैसेंजर कॉरिडोर का कार्य किया जा रहा है। हाई स्‍पीड परियोजनाएं निष्‍पादित करने के लिए एक विशेष प्रयोजन योजना इस माह में पंजीकृत की जाएगी। इस परियोजना का मुख्‍य लाभ भारतीय रेल को उन्‍नत प्रौद्योगिकी और नवीन विनिर्माण क्षमता मुहैया कराना होगा।
·                     मनोरंजन की सुविधा प्रदान करने के तहत गाडि़यों में मनोरंजन की व्‍यवस्‍था करने के लिए एफएम रेडियो स्‍टेशनों को आमंत्रित करने और सभी आरक्षित श्रेणियों के यात्रियों को ‘रेल बंधु’ सभी क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्‍ध कराने का प्रस्‍ताव है।
      रेल मंत्री ने बताया कि यात्री यातायात–उपनगरीय यातायात के तहत एमयूटीपी–IIIके लिए सैद्धांतिक अनुमोदन प्राप्‍त हो चुका है। इसके अंतर्गत चर्चगेट–विरार और सीएसटीएम-पनवेल खंडों के बीच ऐलीवेटिड उपनगरीय कॉरिडोरों के लिए शीघ्र निविदा देना; दिल्‍ली में रिंग रेलवे प्रणाली को पुन: चालू कराना; अहमदाबाद, बेंगलुरू, हैदराबाद,चैन्‍नई और तिरूवनंतपुरम में विकास की योजना राज्‍य सरकारों के साथ भागीदारी करके उपनगरीय प्रणाली के विस्‍तार के लिए नए निवेश ढांचे तैयार करना शामिल है।
      श्री प्रभु ने बतायाकि टैरिफ को युक्तिसंगत बनाने के साथ-साथ यातायात के अन्‍य साधनों की तुलना में एक प्रतिस्‍पर्धी भाड़ा संरचना तैयार करने, मल्‍टी-पाइंट लदान/उतराई और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग बढ़ाने के लिए भिन्‍न-भिन्‍न भाड़ा दरें लागू करने के लिए टैरिफ नीति की समीक्षा और पूर्व निर्धारित कीमत वृद्धि सिद्धांतों का इस्‍तेमाल करके महत्‍वपूर्ण माल यातायात ग्राहकों के साथ दीर्घकालिक टैरिफ करारों पर हस्‍ताक्षर किए गये हैं।
      श्री प्रभु ने कहा कि टर्मिनल क्षमता का निर्माण पीपीपी माध्‍यम से रेल साइड लॉजिस्टिक पार्कों और वेयरहाउसों को विकसित करने का प्रस्‍ताव है। ट्रांसलोक द्वारा कम से कम 10 माल शेड विकसित किए जाएंगे। 2016-17 में ट्रांसलोक लॉजिस्टिक कंपनी। शीघ्र ही चैन्‍नई में भारत के पहले रेल ऑटो हब का उद्घाटन। माल यातायात टर्मिनलों के निकट खाली भूमि पर कोल्‍ड स्‍टोरेज की सुविधाओं के विकास को बढ़ावा। स्‍थानीय किसानों और मछुआरों को इस सुविधा का इस्‍तेमाल करने में प्राथमिकता दी जाएगी। अगले 3 माह में इस संबंध में एक नीति जारी की जाएगी।
      रेल मंत्री ने वर्ष 2016-17 के रेल बजट में निम्‍नलिखित जानकारी भी दी-
किराए से इतर राजस्‍व
·                     स्‍टेशन पुनर्विकास; रेलपथ के आस-पास की भूमि का मौद्रीकरण; सॉफ्ट परिसंपत्‍तियों का मौद्रीकरण- वेबसाइट, डाटा, आदि; विज्ञापन- 2016-17 में 2015-16 के राजस्‍व को 4 गुना करने का लक्ष्‍य; पार्सल व्‍यवसाय को ओवरहॉल करना- इस क्षेत्र  को कंटेनर ट्रेन ऑपरेटरों के लिए खोलने सहित मौजूदा पार्सल नीतियों को उदार बनाना; विनिर्माण कार्यकलापों से राजस्‍व- 2020 तक लगभग 4,000 करोड़ रुपए तक वार्षिक राजस्‍व जुटाने का लक्ष्‍य।
प्रक्रिया में सुधार
·                     ईपीसी परियोजना मानक दस्तावेजों को अंतिम रूप दे दिया है, 2016-17 में इसके माध्‍यम से कम से कम 20 परियोजनाएं कार्यान्वित करेंगे; 2017-18 में300 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले सभी निर्माण कार्यों को ईपीसी ठेकों के जरिए प्रदान करने का प्रयास।  
·                     कार्य निष्पादन आऊटपुट पैरामीटर आधारित ठेका- ठेकों की सेवाओं को एकीकृत करने के लिए उनकी समीक्षा करना उन्‍हें आसान बनाना तथा इनके परिणाम पर ध्‍यान देना।
·                     परियोजना प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग- बड़ी परियोजनाओं की वास्तविक प्रगति की कहीं से भी समीक्षा करने के लिए नवीनतम ड्रोन और जियो स्पैटियल आधारित सैटलाइट प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की मंशा; 2016-17में इस मोड के माध्‍यम से समर्पित माल यातायात गलियारे की प्रगति की निगरानी करना।
·                     समूची प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी का एकीकरण शुरू किया है जो क्षैतिज और लंबवत दोनों प्रकार से नवरचना में भागीदारी के मॉडल के माध्यम से चलाए जाने वाले उद्यम संसाधन प्रणाली के समान है।
रेल विकास प्राधिकरण
·                     सेवाओं की उचित कीमत निर्धारण, प्रतिस्पर्धा बढ़ाना, ग्राहकों के हितों का संरक्षण, कार्यकुशलता के मानकों के निर्धारण; हितधारियों से विस्तृत परामर्श के पश्‍चात् ड्राफ्ट बिल तैयार करना।
नवारंभ- एक नई शुरूआत
·                     नवीनीकरण- संरचनागत बदलाव
      संगठनात्मक पुनर्संरचना-  रेलवे बोर्ड का व्‍यावसायिक तरीके से पुनर्गठन करने और इस संगठन का कुशलतापूर्वक नेतृत्व करने के लिए अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड को समुचित शक्तियां प्रदान करने का प्रस्ताव। शुरुआत में किराए से इतर राजस्व,गति बढ़ाने, चालन शक्ति और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों पर ध्यान देने के लिए रेलवे बोर्ड के भीतर क्रॉस फंक्शनल निदेशालयों की स्थापना की जानी है;अधिकारियों की नई भर्ती के लिए हम संवर्गों के एकीकरण की संभावना का पता लगाएंगे; भारतीय रेल के साथ कारोबार को सफल बनाने के लिए पीपीपी सेल को सृदृढ़ करना।
सशक्‍तिकरण- योजना पद्धतियों में सुधार
      मध्‍यावधि (5 वर्ष) तथा दीर्घावधि (10 वर्ष) कोरपोरेट योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने के लिए रेलवे योजना एवं निवेश संगठन की स्‍थापना करना; उन परियोजनाओं की पहचान करना है जो कोरपोरेट लक्ष्‍यों को पूरा करें। रेलनेटवर्क और परिवहन के अन्‍य साधनों में सामंजस्‍य स्‍थापित करने और उन्‍हें एकीकृत करने तथा देशभर में निर्बाध बहुआयामी परिवहन नेटवर्क का लक्ष्‍य हासिल करने के लिए सम्‍मिलित रूप से कार्य करने का वातावरण बनाने के लिए राष्‍ट्रीय रेल योजना।
·                     एकीकरण- भारतीय रेलवे के स्‍वामित्‍व वाली कंपनियों की होल्‍डिंग कंपनी बनाना।
·                     शोध और विकास – भविष्‍य के लिए निवेश: एक शोध और विकास संगठन,स्‍पेशल रेलवे इस्‍टेब्‍लिसमेंट फॉर स्‍ट्रेटेजिक टेक्‍नोलॉजी एंड हॉलिस्‍टिक एडवांसमेंट (श्रेष्‍ठ) का गठन करना, अनुसंधान, अभिकल्‍प एवं मानक संगठन (अ.अ.मा.सं.) केवल दिन-प्रतिदिन के मामलों पर ही ध्‍यान केन्‍द्रित करेगा,जबकि श्रेष्‍ठ दीर्घकालिक शोध करेगा।
·                     डाटा विश्‍लेषण: एक डेडीकेटेड क्रॉस फंक्‍शनल टीम, जिसे परिवहन अनुसंधान और विश्लेषण विशेष इकाई (सूत्र) कहा जाएगा, का गठन किया जाएगा जो विस्‍तृत विश्‍लेषण करेगी ताकि अधिकतम निवेश और प्रक्रिया के संबंध में निर्णय लिए जा सकें।
·                     नवरचना-इनोवेशन: नवरचना में सहायता प्रदान करने के लिए कर्मचारियों,स्‍टार्ट अप तथा प्रगति परक छोटे व्‍यापारियों के लिए 50 करोड़ रुपए अलग से रख रहे हैं।
      अवतरण- भारतीय रेल के ट्रांसफॉरमेशन के लिए सात मिशन
·                     प्रत्‍येक मिशन का प्रधान, एक मिशन निदेशक होगा जो अध्‍यक्ष, रेलवे बोर्ड को सीधे रिपोर्ट करेगा। वह एक ऐसे क्रॉस फंक्‍शनल टीम का प्रधान होगा, जिसे लक्ष्‍य के अनुसार समय पर कार्य पूरा किया जाना सुनिश्‍चित करने के लिए सभी संगत निर्णय लेने का अधिकार होगा। इस मिशन के लिए वार्षिक परिणाम के आधार पर कार्य-निष्‍पादन के लक्ष्‍य घोषित किए जाएंगे और अल्‍पकालिक,मध्‍यकालिक तथा दीर्घकालिक कार्यान्‍वयन योजनाओं को अंतिम रूप देंगे और तदनुसार कार्रवाई करेंगे।
सामाजिक पहल और सहारा कार्य: मानव संसाधन/कौशल, समाजिक पहल,पर्यावरण
·                     रेलवे अस्‍पतालों और सरकारी अस्‍पतालों के बीच आदान-प्रदान सुनिश्‍चित करने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के साथ समझौता करना; 5 रेलवे अस्‍पतालों में ‘आयुष’ प्रणाली शुरू करना; गैंगमैनों को आने वाली गाड़ियों के बारे में सूचित करने के लिए एक उपकरण दिया जाएगा जिसे ‘रक्षक’ कहा जाएगा, पेट्रोलिंग के समय ढोए जाने वाले औजारों का भार कम करना। लोको पायलटों के लिए कैब में प्रसाधन एवं वातानुकूलन की भी व्‍यवस्‍था करना।
·                     दो पीठों की स्‍थापना- एक महत्‍वपूर्ण वित्‍त, अनुसंधान एवं नीति विकास से संबंधित सी टी वेणुगोपाल पीठ और दूसरी भारतीय रेलवे के लिए जियो स्‍पेटल प्रौद्योगिकी से संबंधित कल्‍पना चावला पीठ।
·                     प्रत्येक वर्ष अभियांत्रिकी एवं एमबीए स्कूलों के 100 छात्रों को 2-6 महीनें की इंटर्नशिप दी जाएगी।
·                     कौशल विकास मंत्रालय के साथ भागीदारी के साथ भारतीय रेल परिसरों में विशाल कौशल विकास।
·                     गैर-कर्षण क्षेत्र में ऊर्जा खपत 10% से 15% तक कम करने के लिए ऊर्जा ऑडिट करना।  बिजली की नई व्‍यवस्‍था में केवल एलईडी लाइट की ही व्‍यवस्‍था करना और सभी रेलवे स्‍टेशनों पर आगामी 2 से 3 वर्षों में एलईडी लाइटें लगा दी जाएंगी।
·                     पर्यावरणीय मान्‍यता, जल प्रबंधन और कूड़े-कचरे से ऊर्जा उत्‍पन्‍न करने के लिए कार्य योजना तैयार करना। 2000 से अधिक स्‍थानों पर वर्षा जल संग्रहण (आरडब्‍ल्‍यूएच) की सुविधा मुहैया करना। स्‍टील के पुलों पर स्‍टील के स्‍लीपरों के स्‍थान पर पुनर्चक्रण प्‍लास्टिक अपशिष्‍ट से तैयार पर्यावरण हितैषी कम्‍पोजिट स्‍लीपरों का सभी गर्डर पुलों में इस्‍तेमाल किया जाएगा।
·                     आगामी वर्षों में जल पुनर्चक्रण संयंत्र लगाने के लिए 32 स्‍टेशनों और 10 कोचिंग डीपो की पहचान की गई है।
पर्यटन
·                     पर्यटक सर्किट गाडि़यां चलाने के लिए राज्‍य सरकारों के साथ भागीदारी करना;हाल ही में राष्‍ट्रीय रेल संग्रहालय को अपग्रेड किया गया है। रेलवे संग्रहालयों और यूनेस्‍को विश्‍व धरोहर रेलों के माध्‍यम से पर्यटन को बढ़ावा देना।
·                     अपने राष्‍ट्रीय पशु, बाघ के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक संपूर्ण पैकेज शुरू करना जिसमें गाड़ी यात्रा, सफारी एवं आवास शामिल होगा। इसमें कान्‍हा,पेंच और बांधवगढ़ वन्‍यजीव सर्किटों को शामिल किया जाएगा।
वित्‍तीय निष्‍पादन 2015-16
·                     सकल यातायात प्राप्तियों में 1,83,578 करोड़ रु. के बजट अनुमान लक्ष्य की तुलना में संशोधित अनुमान 2015-16 में 15,744 करोड़ रु. की शुद्ध कमी हुई है। वर्ष 2013-14 से उपनगरीय और अनुपनगरीय दोनों यात्रा के गैर-पीआरएस सेगमेंट में लगातार नकारात्मक वृद्धि के रूख को ध्यान में रखते हुए यात्री आमदनी कम हुई।
·                     प्रमुख क्षेत्र से कम मांग के कारण इस भाड़ा आमदनी में वृद्धि प्रभावित हुई,जिसके परिणामस्वरूप संशोधित अनुमान 2015-16 में इस लक्ष्य को1,11,853 करोड़ रुपए पर पुनः निर्धारित करना पड़ा।
·                     साधारण संचालन व्यय (ओडब्ल्यूई) पर नियंत्रण रखने के लिए कड़े आर्थिक और किफ़ायती उपाय अपनाए गए, जिनके कारण 1,19,410 करोड़ रुपए के बजट में निर्धारित साधारण संचालन व्यय वर्ष 2015-16 के संशोधित अनुमान में घटकर 1,10,690 करोड़ रुपए हो गया अर्थात् इसमें 8,720 करोड़ रुपए की गिरावट आई।
·                     बजट अनुमान से पेंशन निधि में 34,900 करोड़ रुपए का विनियोजन हुआ। बहरहाल, इस रूख के आधार पर, संशोधित अनुमान में पेंशन भुगतान में34,500 करोड़ रुपए की मामूली सी कमी हुई है।
·                     आंतरिक संसाधन सृजन में कमी आई और 7,900 करोड़ रुपए की व्यवस्था करके 2015-16 के बजट अनुमान की तुलना में संशोधित अनुमान में मूल्यह्रास आरक्षित निधि में 5,500 करोड़ रुपए की कमी की गई है। वर्ष 2015-16 के संशोधित अनुमान में व्यय की तुलना में आमदनी का आधिक्य 11,402.40करोड़ रुपए है।
·                     वर्ष 2015-16 के लिए योजना आकार अर्थात् बजट अनुमान स्तर पर1,00,000 करोड़ रुपए आंका गया है।
बजट अनुमान 2016-17:
·                     राजस्व में वृद्धि और उपयुक्त निवेश सुनिश्चित करने की इच्‍छा के तहत 2015-16 में शुरू किए गए भीड़भाड़ कम करने और लाइन क्षमता बढ़ाने संबंधी कार्यों को जारी रखा जा सकेगा। परियोजनाओं को सुनिश्चित धनराशि मुहैया कराने के लिए बढ़े हुए पूंजी व्यय पर बल दिया गया है, जिसमें वित्त व्यवस्था के विभिन्न स्रोतों का मिश्रण है।
·                     सकल यातायात प्राप्तियां 1,84,820 करोड़ रुपए रखी गई हैं। यात्री यातायात से आमदनियां 12.4% पर निर्धारित की गई है और तदनुसार आमदनी संबंधी लक्ष्य 51,012 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं। अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र में लाभप्रद वृद्धि की प्रत्याशा में माल यातायात 50 मिलियन टन के वर्धमान यातायात पर निर्धारित किया गया है। तदनुसार, माल यातायात से आमदनी1,17,933 करोड़ रुपए प्रस्तावित की गई है। अन्य कोचिंग एवं विविध आमदनियां क्रमशः 6,185 करोड़ रुपए और 9,590.3 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है।
·                     साधारण संचालन व्यय के अंतर्गत, 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए प्रावधान किया गया है।
·                     वर्ष 2016-17 में पेंशन निकासी 45,500 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है।
·                     उच्चतर कर्मचारी लागत और पेंशन दायिता से रेलों की आंतरिक संसाधन स्थिति प्रभावित होती है। तदनुसार, राजस्व से मू.आ.नि. को विनियोजन 3,200करोड़ रुपए और उत्पादन इकाइयों से 200 करोड़ रुपए रखा गया है। सकल खर्च के माध्‍यम से शुद्ध आधार पर मू.आ.नि से 3,160 करोड़ रुपए की निकासी का प्रस्ताव है, यद्यपि वार्षिक योजना, जिसके लिए 7,160 करोड़ रु. का अनुमान लगाया गया है, में मू.आ.नि को सकल खर्च से पूरा किया जाएगा। पूंजी निधि को5,750 करोड़ रुपए विनियोजित करने का प्रस्ताव है। इस निधि में पूर्ववर्ती शेष से 1,250 करोड़ रुपए निकाल कर आईआरएफसी को पट्टा प्रभारों के मूल घटक के भुगतान के लिए 7,000 करोड़ रुपए की पूर्ति की जाए

Leave a Reply