मौजूदा श्रम कानूनों को तर्कसंगत बनाने के लिए सुधारों को लागू किया जाएगा
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 2017-18 पेश करते हुए कहा कि सरकार कामगारों से जुड़ा एक ऐसा अनुकूल माहौल बनाना चाहती है जिसमें कामगारों के अधिकारों का संरक्षण हो और सामंजस्यपूर्ण श्रमिक संबंध बने रहें, जिससे कि उनकी उत्पादकता में बढ़ोतरी संभव हो सके। उन्होंने कहा कि मौजूदा श्रम कानूनों को सरल एवं तर्कसंगत बनाने और चार संहिताओं में इनका विलय करने के लिए विधायी सुधारों को लागू किया जाएगा। इन चार संहिताओं में ये शामिल हैं : (i) पारिश्रमिक, (ii) औद्योगिक संबंध, (iii) सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण, और (iv) सुरक्षा एवं कार्य की स्थितियां।
वित्त मंत्री श्री जेटली ने यह भी कहा कि मॉडल शॉप एवं प्रतिष्ठान विधेयक 2016 की प्रतियां सभी राज्यों को मुहैया करा दी गई हैं ताकि वे इस पर विचार करने के साथ–साथ उसे अपना सकें। इससे महिलाओं के रोजगार के लिए अतिरिक्त अवसर उपलब्ध होंगे। पारिश्रमिक भुगतान अधिनियम में किया गया संशोधन कामगारों के हित के साथ–साथ कारोबार करने में सुगमता के लिए भी हमारी सरकार की एक और पहल है।