भदोही कालीन उद्यमी ने GST का विरोध में मार्च निकाला
दिनांक: 19.07.2017
ज्ञापन
प्रतिष्ठा में,
श्री नरेन्द्र मोदी जी,
माननीय प्रधान मंत्री,
भारत सरकार,
152, साउथ ब्लाक, रेसिना हिल,
नई दिल्ली-110011
मान्यवर,
यह ज्ञापन हस्तनिर्मित कालीन एवं दरी उद्योग से जुड़े लाखों बुनकरों एवं कारीगरों की ओर से प्रेषित किया जा रहा है । हम बुनकर एवं कारीगर कालीन उद्योग में कई पीढ़ियों से कालीन बुनाई एवं निर्माण कार्य करके अपनी आजीविका चलाते रहे है । हमारा यह कार्य हमारे गाँवों में, घर-घर में स्त्री, पुरूष, युवा एवं बृद्ध सभी के द्वारा होता है ।
कालीन निर्माण विभिन्न छोटी-छोटी प्रक्रियाओं से होकर गुजरता है ओर यह एक पूर्णतः ग्रामीण रोजगार आधारित कुटीर उद्योग है ।
हमें ज्ञात हुआ है कि भारत सरकार द्वारा जी0एस0टी0 के अन्तर्गत कालीन निर्माण कार्य पर 18 प्रतिशत जी0एस0टी0 लागू किया है, जो कि अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है । यह उद्योग खादी उद्योग एवं कृषि उद्योग के समान है । कालीन निर्माण प्रक्रिया पर यदि 18 प्रतिशत जी0एस0टी0 लागू किया गया तो निश्चय ही यह उद्योग समाप्त हो जाएगा । स्वतंत्रता के 70 साल में आज तक हस्तनिर्मित कालीन बुनाई एवं निर्माण कार्य पर कोई टैक्स नहीें लगाया गया, क्योंकि यह एक परम्परागत कुटीर हस्तकला उद्योग है ।
ऽ इस उद्योग से जुडे़ व्यापारी, निर्माता, निर्यातक भी अधिकांशतः सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी की इकाईयाँ है, जो कि इस टैक्स का भार वहन करने में सक्षम नहीं हैं । यदि हस्तनिर्मित कालीन निर्माण की प्रक्रिया पर जी0एस0टी0 लगाया गया तो यह उद्योग के लिए अत्यन्त घातक होगा एवं लाखों बुनकर, कारीगरों एवं उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो जाएगा ।
ऽ जी0एस0टी0लागू होने के पूर्व हस्तनिर्मित कालीन निर्माण उद्योग पर कोई भी टैक्स नहीं लगता था जैसे-
ऽ उत्पाद शुल्क
ऽ सेवा कर
ऽ व्यापार कर
किन्तु जी0एस0टी0 कानून के अन्तर्गत हस्तनिर्मित कालीन की बिक्री पर 12 प्रतिशत एवं निर्माण कार्यो पर 18 प्रतिशत जी0एस0टी0 लगा है, जो कि सर्वथा गलत है ।
(2)
हम सभी बुनकर एवं कारीगर जी0एस0टी के अन्तर्गत कालीन बुनाई, कटाई, फिनीशिंग, घुलाई इत्यादि उत्पादन सम्बन्धित कार्यो पर लगे 18 प्रतिशत टैक्स का प्रबल विरोध करते है एवं इसे तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की मांग करते है जिससे कि 20 लाख से ज्यादा बुनकरों, कारीगरों एवं उनके परिवारों की रोजी-रोटी की रक्षा हो सके ।
हस्तनिर्मित कालीन एवं दरी का शतप्रतिशत निर्यात होता है एवं इसे भारी अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है । जी0एस0टी0 लगने से हमारे कालीन एवं दरी की उत्पादन लागत पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा जिससे कि हमारा निर्यात घटेगा ।
हस्तनिर्मित कालीन उद्योग उत्तर प्रदेश क पूर्वांचल के 20 से ज्यादा जिलों में फैला है एवं भारत के अन्य राज्यों में भी कालीन बुनाई का कार्य होता है । जी0एस0टी0लागू होने से ये सभी क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित होगें ।
हमें आशा है कि हमारा निवेदन स्वीकार किया जाएगा एवं हमें 18 प्रतिशत जी0एस0टी0 (जाब वर्क पर आरोपित) से मुक्ति मिलेगी ।
भवदीय
समस्त हस्तनिर्मित कालीन बुनकर एवं मजदूर
प्रतिलिपि सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाहीे हेतु प्रेषित:-
1. श्री अरूण जेटली जी, माननीय वित्त मंत्री, भारत सरकार, रूम0न0134, नार्थ ब्लाक, नई दिल्ली-110 001 ।
2. श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी, मा0 वस्त्र मंत्री, भारत सरकार, उद्योग भवन, नई दिल्ली-110 001 ।
3. श्रीमती निर्मला सीतारमन, माननीया वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री,भारत सरकार, ‘उद्योग भवन’, नई दिल्ली-110 011 ं
4. श्री बंडारू दत्तात्रेय, माननीय श्रम मंत्री, भारत सरकार,रूम न0ं 120, श्रम शक्ति भवन, रफी मार्ग, नई दिल्ली-110 001 ।