बुनकरों से मिलेगी संसदीय समिति

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संवाददाता / वाराणसी January 06, 2016
आजादी के बाद यह पहला मौका है जब औद्योगिक विकास के लिए बनी संसद की स्थायी समिति वाराणसी पहुंची। समिति वाराणसी समेत पूर्र्वांचल के विकास की रफ्तार व सरकार की योजनाओं की हकीकत को देखने के साथ ही यहां औद्योगिक संभावनाओं की तलाश कर अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा। सांसद केसी त्यागी की अध्यक्षता वाली 30 सदस्यीय यह स्थायी समिति अपने तीन दिवसीय दौरे पर आज वाराणसी पहुंची और सीधे बैंकिंग योजनाओं की समीक्षा करने पहुंच गई।
 
समिति के अध्यक्ष व सांसद के सी त्यागी ने बिजऩेस स्टैंडर्ड के साथ खास बातचीत में कहा कि 35 सदस्यों वाली इस समिति के वाराणसी आने का मकसद यह है कि पहला तो यहां अभी तक किसी भी संसदीय समिति का दौरा नहीं हुआ। दूसरा यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है जहां कई योजनाओं की घोषणा हुई लेकिन अभी तक उन योजनाओं का क्या हुआ समिति इसका जायजा लेगी। 
 
उन्होंने बताया कि समिति वाराणसी, भदोही, मऊ, गाजीपुर समेत पूर्वांचल के बुनकरों व हस्तशिल्पियों के हाल भी से भी रुबरु होगी। समिति बुनकरों के साथ अलग से बातचीत भी करेगी। सरकार की ओर से उपलब्ध कराए जा रहे संसाधनों के बारे में जानने का प्रयास करेगी कि बुनकरों को उसका कितना लाभ मिला। त्यागी ने कहा कि समिति यहां के सूक्षम लघु और मध्यम उद्योगों के अलावा भारी व सार्वजनिक उद्योगों के साथ वाराणसी समेत पूर्वांचल के बैंकिंग योजनाओं की समीक्षा करेगी। वहीं खादी ग्रामोद्योग की भी समीक्षा भी होगी। 
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्त्वाकांक्षी मुद्रा योजना का हाल भी संसद के स्थाई समिति के समक्ष उजागर की जाएगी। वाराणसी में इस परियोजना के तहत 29,000 लोगों को ऋण मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अबतक 26 हजार लोगों में 16,828 लाख रुपये ऋण दिए गए हैं। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 5,000 से ज्यादा लोगों को तीन करोड़ से ज्यादा के ऋण दिए। काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक ने साढ़े 16,500 लोगों में 86 करोड़ रुपये ऋण बांटे। भारतीय स्टेट बैंक ने 1,200 से ज्यादा लोगों को 1,745 लाख रुपये का ऋण मुद्रा योजना में दिया।

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