कालीन ड्यूटी ड्रा बैक में वृद्धि
भदोही। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा भारतीय कालीन एवं अन्य फ्लोर कवरिंग पर मिलने वाले ड्यूटी ड्रा बैंक को बढ़ा दिया गया है जो 19 दिसंबर से लागू हो जाएगा। यह कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के अथक प्रयासों के कारण ही संभव हो सका। जिसके लिए परिषद के चेयरमैन महावीर प्रसाद शर्मा के नेतृत्व में सीईपीसी ने सरकार से मांग की थी। जिसके परिणामस्वरूप सरकार को परिवर्तन करना पड़ा। सरकार के इस निर्णय से निर्यातकों में हर्ष व्यक्त है।
आयात निर्यात नीति से संबंधित ड्यूटी ड्रा बैक शेड्यूल के चैप्टर 57 के अंतर्गत हस्तनिर्मित ऊनी कालीनों पर मिलने वाले ड्यूटी ड्रा बैक की दर 3.7 फीसदी को यथावत रखा है। परंतु इस पर लगे हुए कैप को रुपया 303.20 से बढ़ाकर रुपया.394 कर दिया गया है। जबकि ऐसे ऊनी कालीन जिसमे 15 फीसदी या उससे ऊपर सिल्क का प्रयोग हुआ हो उनके भी शुल्क वापसी का दर 3.7 फीसदी को पहले की तरह यथावत रखा है। परंतु इसकी कैपिंग को रुपया 492.70 से बढ़ाकर रुपया 1107.00 कर दिया है। सिल्क से बने हुए कालीनों में मिलने वाले ड्यूटी ड्रा बैक दर को 9 फीसदी से बढ़ा कर 14.9 फीसदी कर दिया है। उसकी कैपिंग रुपया 3490.70 को बढ़ाकर रुपया 7205 कर दिया है। आर्टिफिशियल इत्यादि यार्न से बने हुए कालीनों पर मिलने वाले ड्यूटी ड्रा बैक की दर 1.7 फीसदी यथावत रखा है।
जबकि इस पर लगी हुई कैपिंग रुपया 118.10 को पूरी तरह से हटा लिया है। हैंडटफटेड ऊनी कालीनों पर मिलने वाले ड्यूटी ड्रा बैक की दर को 3.1 फीसदी से बढ़ाकर 4.6 फीसदी कर दिया है। जबकि इसमे लगी हुई कैपिंग को रुपया 96 से बढ़ाकर रुपया 114 कर दिया गया है। इसी तरह हस्तनिर्मित ऊनी दरियों पर मिलने वालेडयूटी ड्रा बैक की दर को 1.5 फीसदी से बढ़ाकर 3.7 फीसदी कर दिया गया है। इसकी कैपिंग रुपया 19.60 से बढ़ाकर रुपया 70 कर दिया है। निर्यातकों ने इसके लिए सीईपीसी अध्यक्ष महावीर प्रसाद शर्मा न प्रथम उपाध्यक्ष सिद्ध नाथ सिंह, वरिष्ठ प्रशासनिक सदस्य उमेश कुमार मुन्ना भाई, हाजी अब्दुल रब अंसारी,वासिफ अंसारी, फिरोज वजीरी सहित परिषद के समस्त प्रशासनिक समिति के सदस्यों के प्रति आभार जताया।