कालीन निर्यातको की समस्या का हो जमीनी हल – कामरान रिजवी

0

भदोही  भारत सरकार ने एम0एस0एम0ई0 सेक्टर (100दिन) की समीक्षा करने के लिए कामरान  रिजवी संयुक्त सचिव,बैठक कालीन उद्यमियों बैकर्सो के साथ कलेक्टेªट सभागार में बैठक कर उनकी समस्या के बारे में जानकारी ली और उनके समाधान का निर्देश दिया इण्डियन कारपेट फोरम के अध्यक्ष इम्तेयाज अंसारी ने विदेश व्यापार, कस्टम और जी0एस0टी0 से सम्बन्धित समस्याओं को रखा, जिसपर संयुक्त सचिव ने विदेश व्यापार महानिदेशक वाराणसी को 48 घंटे में कार्यवाई करने का निर्देश दिया | एकमा के पदाधिकारियों ने कामरान रिजवी के सामने उद्योग की समस्या की जानकारी दी जिस पर सचिव ने इसका जमीनी निस्तारण करने का निर्देश किया निर्यातक पियूष बरनवाल ने कालीन उद्योग में PF लागु किये जाने और श्रम  कानून सम्बन्धी कानून की विषमता  उनसे सामने रखी  लेना गम्भीर विषय है। आई0आई0सी0टी0 के अधिकारी को निर्देश दिया कि उद्यमियों के साथ बैठक कर एक्सपोर्ट के लिए नई तकनीकी मशीनों के लिए फंडिग का उपयोग कराये। उन्होंने कालीन निर्यातको से कहा की आपकी समस्याओं प्राथमिकता से निदान किया जायेगा। जनपद को औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ावा देने के उद्देश्य से बैंकें भी इस बावत सहयोग करें, जिससे कि जनपद की प्रगति सुधरने के साथ ही नई-नई इकाईयां जनपद में स्थापित हो सकें। । जिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद, dgft वाराणसी के अमित कुमार , महाप्रबन्धक हरेन्द्र प्रताप, ओमकार नाथ मिश्र एकमा के अध्यक्ष रवि पाटोदिया ,अब्दुल हादी ,पियूष बरनवाल उपस्थित रहे

इंडियन कारपेट फोरम द्वारा उठाई गयी समस्या 

भारतीय विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT ) से सम्बंधित समस्या

      1 . भारत सरकार द्वारा निर्यातकों को निर्यात प्रोत्साहन के लिए वाणिज्य मंत्रालय द्वरा हर वर्ष उसके बढ़े हुए व्यापार पर 2 फीसदी प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है इस राशि को  मिलने से निर्यातक अपने निर्यात बढ़ाने के लिए और प्रयास करते हैं यह राशि उनकी मार्केटिंग क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है बीते 2 वर्षों से भारतीय विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) में जमा किए गए पत्रावली का निस्तारण नहीं होने से यह राशि जारी नहीं की गई है कृपया इसे जारी कराकर निर्यातको की मदद करने की कृपा करे

  2- देश के प्रधानमंत्री द्वारा लगातार विदेशी व्यापार बढ़ाने और अप्रवासी भारतीयों को देश में व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं रिजर्व बैंक के अनुसार प्रवासी भारतीय को यह सुविधा दी गई है की वे भारत के किसी भी सरकारी बैंक के शाखा से निर्यातकों का भुगतान कर सकता है इस संदर्भ में आरबीआई के नियमानुसार बैंको द्वरा भुगतान का सर्टिफिकेट (BRC) भी जारी किया जाता है बावजूद इसके DGFT द्वरा निर्यात प्रोत्साहन राशि लाइसेंस जारी नहीं  किया जा रहा है |

3- केंद्र द्वारा सरकारी स्तर पर डिजिटलीकरण को लगातार बढ़ावा देकर E-office को प्रोत्साहित किया जा रहा है सभी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जा रहा है यह सरकार की उच्च प्राथमिकता है यही नियम डीजीएफटी (DGFT) के लाइसेंस के संदर्भ में भी है निर्यातको द्वारा  ऑनलाइन एप्लीकेशन जमा करने के बावजूद हार्ड कॉपी की मांग की जाती है और व्यापारियों से खुद उपस्थित होकर जमा करने के लिए कहा जाता है इससे व्यापारियों को असुविधा के साथ साथ इसकी निस्तारण में भी काफी देरी हो जाती है कृपया इस संदर्भ में मदद करने की कृपा करें

4- निर्यातको द्वारा जो माल आयातकों को भेजा जाता है आयातक द्वरा उस मॉल के प्राप्ति के बाद उसका भुगतान कर दिया जाता है भुगतान आने के बाद बैंक द्वरा BRC जारी करने के बावजूद भी पहुंचने का प्रमाण पत्र ( लैंडिंग सर्टिफिकेट) की मांग DGFT द्वारा लाइसेंस जारी करने के दौरान किया जाता है इस लैंडिंग सर्टिफिकेट के लिए विदेशी शिपिंग कंपनियां 100 से 150 डॉलर तक की फीस की मांग करती है जिससे निर्यातको का समय और आर्थिक हानि होती है कृपया इस संदर्भ में DGFT को निर्देशित करने का कष्ट करें जिससे निर्यातको की मदद हो सके |

5 – डिजिटलीकरण के दौरान कस्टम में शिपिंग बिल ऑनलाइन करते समय निर्यातको से लेटर आफ इंटेंट में कन्फ्यूजन और नियमों की जानकारी ना होने से N अंकित कर दिया गया है , मई 2015 तक के लिए सरकार द्वरा त्रुटि ठीक करने का अवसर देकर निर्यातकों को लाइसेंस का लाभ दे दिया गया था किंतु उसके बाद यह सुविधा बंद कर दी गई कृपया इसे नवंबर 2015  तक बढ़ाने का कष्ट करें जिससे जो निर्यातक कन्फ्यूजन में इंटेंट में N अंकित कर चुके हैं ऐसे  शिपिंग बिल का लाइसेंस मिल सके |

  6- डिजिटलकरण  के दौर में भी DGFT द्वारा पत्रावली के सन्दर्भ में पूछताछ आपत्ति की  जानकारी पोस्ट से भेजी जाती  हैं और पोस्ट से उत्तर माँगा जाता है जबकि अन्य सभी कार्य ऑनलाइन किए जाते हैं इससे इसके समाधान में लंबा समय व्यतीत हो जाता है कृपया इस  संदर्भ में निर्देश जारी करें की पोस्ट के साथ इसे ईमेल द्वारा भेजने का कष्ट करें और जबाब ईमेल से स्वीकार करे |

    जी  एस टी से सम्बंधित समस्या

1-जीएसटी रिफंड के लिए विभाग में  मैनुअल प्रार्थना पत्र व् अन्य कागजात जमा करने के बावजूद काफी निर्यातको का रिफंड नही दिया जा रहा है व् बहुत से निर्यातको का 80 फीसदी रिफंड दे दिया गया है व् बकाया 20 फीसदी राशि नही दिया जा रहा है कृपया जी एस टी नियम के अनुसार ब्याज सहित रिफंड कराने में मदद किया जाये |

2-    जिन निर्यातको द्वरा IGST का भुगतान करके निर्यात किया जा रहा है ऐसे निर्यात पर भी निर्यातको रिफंड नही आ रहा है रिफंड नही आने के कारण निर्यातको को अपने कारीगरो और बुनकरों को भुगतान करने में काफी असुविधा हो रही है कृपया IGST भरकर निर्यात करने वाले निर्यातको का समय से रिफंड किया जाये |

कस्टम से सम्बंधित समस्याएं

     आयातकों द्वरा भारतीय निर्यातको को भेजे जाने वाले सैंपल को कस्टम में एक एक महीने रोक लिया जाता है समय से सैंपल नही मिलने से व्यापार पर असर पड़ता है कृपया इसका निस्तारण समयबद्द तरीके करने में मदद करे |भारत सरकार ने भदोही विशिष्ट निर्यात क्षेत्र का दर्जा प्रदान किया है दर्जा मिलने के साथ FTP पालिसी में उल्लेखित ,क्रिटिकल अवस्थापना सुविधायो की कमी को पुरा करना और व्यापार को बढ़ने के नए मार्केंटिंग पर जोर देना है  जिससे व्यापार नए क्षेत्र में बढ़ सके समयबद्द तरीके विशिष्ट निर्यात क्षेत्र के लिए दी गयी सुबिधायो को दिलाई जाए

Leave a Reply