दिल्ली 2019 के कालीन मेले पर पड़ सकता है पुलवामा हमले का असर
दिल्ली के ओखला में आयोजित चार दिवसीय इंटरनेशनल इंडिया कार्पेट एक्सपो पर पुलवामा में हुए आतंकी हमले का असर देखने को मिल सकता है। आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच पैदा हुई ताजा स्थितियों को लेकर कालीन उद्योग आशंकित है कि फेयर में विदेशी आयातकों की संख्या में कमी आ सकती है।
इस बारे में वस्त्र मंत्रालय की कालीन निर्यात सम्वर्धन परिषद के वाइस चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में उथल-पुथल की स्थिति है इसके साथ पुलवामा में सेना के जवानों पर हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने एक एडवाइजरी जारी कर अमेरिकी नागरिको से कहा है कि मौजूदा समय मे वो एशिया के देशों में कम से कम जाएं। उन्होंने बताया कि फेयर की तैयारियां पूरी हैं लेकिन कालीन उद्योग इस बात को लेकर आशंकित हैं कि अगर फेयर में विदेशी आयातकों की आमद कम हुई तो इसका असर उद्योग पर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि भारतीय कालीन के लिए अमेरिका एक बड़ा बाजार है और फेयर में सबसे अधिक संख्या में अमेरिकी आयातक भाग लेते हैं। इन सब समस्याओं के बावजूद उन्होंने फेयर के सफल होने के साथ अच्छे व्यापार की उम्मीद जताई है
परिषद के चेयरमैन राजा शर्मा ने कहा इस बार कई नए देशों के आयातक मेले में भाग लेंगे मेला में 216 निर्यातक भाग लेंगे वर्ष मार्च के महीने में कालीन निर्यात सम्वर्धन परिषद कालीन निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले का आयोजन कराती है। इस फेयर में देश लगभग चार सौ निर्यातक अपना स्टाल लगाते हैं और सैकड़ो की संख्या में विदेशी आयातक फेयर में भाग लेकर कालीनों का ऑर्डर देते हैं।
हालांकि उद्योग से जुड़े जानकारों का मानना है कि अमेरिका में लगे डोमोटेक्स usa मार्च के प्रथम सप्ताह में समाप्त हुआ है जिसमे भारी संख्या में यह के निर्यातकों ने भाग लिया वहां 86 स्टाल परिषद द्वारा लगाए गए थे जिसमें भारत अधिकांश बड़े निर्यातकों ने भाग लिया था ऐसे में जो आयातक उस मेले में जा चुके है उनके भारत आने की संभावना कम हो जायेगी इसका असर मेले में जरूर दिखाई देगा ।