कालीन उद्योग नहीं बल्कि है परंपरागत पुश्तैनी काम: सांसद
टेक्सटाइल क्षेत्र में है रोजगार की असीम संभावनाएं
टेक्सटाइल को सिर्फ कार्पेट तक ही न रखें सीमित
भदोही। आल इंडिया कार्पेट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (एकमा), फेडरेशन आफ इंडियन एक्पोर्ट आर्गनाइजेशन (फियो) कानपुर एवं संयुक्त निदेशक विदेश व्यापार वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को नगर के मर्यादपट्टी स्थित कालीन भवन के एकमा सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विदेश व्यापार के निर्यात बंधु योजना के अंतर्गत भदोही को टाऊन आफ एक्सपोर्ट एक्सलेंस (विशिष्ट निर्यात नगर) घोषित होने के बाद भदोही को क्या-क्या सहुलियते मिलेगी। विस्तार पूर्वक इसकी जानकारी दी गई।इस दौरान सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि कालीन उद्योग नहीं बल्कि भदोही की परंपरा और पुश्तैनी काम है। इस उद्योग का पुराना इतिहास रहा है। टेक्सटाइल क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं है। कृषि क्षेत्र के बाद टेक्सटाइल एक ऐसा क्षेत्र है जो काफी लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान कर रहा। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल को सिर्फ कार्पेट तक ही सीमित करके न रखें। बल्कि उसके अन्वेषण की संभावनाओं का तलाश करें। जिस प्रकार से खादी की मांग पूरी दुनिया में है। कोशिश की जाए कि खादी की तर्ज पर कार्पेट को भी बढ़ावा देने के लिए नए-नए उत्पाद व तकनीक का इजाद किया गया। श्री सिंह ने कहा कि जिस गति से भदोही में कालीन का निर्माण हो रहा है। आने वाले समय में उसका 5 गुना निर्माण करेगा। वहीं विधायक रविन्द्र नाथ त्रिपाठी ने कहा कि कालीन उद्योग को गति देने के लिए भाजपा सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है। भदोही को विशिष्ट निर्यात नगर का दर्जा मिलना उसी का ही एक हिस्सा है। उप निदेशक विदेश व्यापार अमित कुमार व संयुक्त निदेशक उद्योग उमेश सिंह ने विस्तार पूर्वक निर्यातकों को भदोही को मिले विशिष्ट निर्यात नगर की पहचान व उससे मिलने वाले सहूलियतों के बारे में जानकारी दी। अपर जिलाधिकारी राम सिंह वर्मा व कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के प्रथम उपाध्यक्ष सिद्ध नाथ सिंह ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इससे पूर्व निर्यातकों ने सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के इस प्रयास की सराहना की। वहीं भदोही को टाऊन आफ एक्सपोर्ट एक्सलेंस घोषित कराने में योगदान देने वाले हमार भदोही के संस्थापक व पत्रकार संजय श्रीवास्तव को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।कहा कि उनके भागीरथ प्रयास के ही कारण ऐसा संभव हो सका। कार्यक्रम को संबोधित करते श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इसे लेने में 12 वर्ष लगे अगर यही रफ्तार रह तो इसके फायदे लेने में 50 से ज्यादा वर्ष लग जायेंगे इसलिए इस प्लांनिग करके लगाने की जरूरत है
इस मौके पर हाजी अब्दुल हादी, शिवसागर तिवारी, यादवेन्द्र राय काका, रवि पाटोदिया, राजकुमार राय, इम्तियाज अंसारी, ओंकार नाथ मिश्र बच्चा, वेद प्रकाश गुप्ता, इश्तियाक खां पियूष बरनवाल व हाजी अशफाक अंसारी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। अध्यक्षता एकमाध्यक्ष ओंकार नाथ मिश्र व संचालन मानद सचिव हाजी शाहिद हुसैन अंसारी ने किया।