भदोही के 650 निर्यातको को पीएफ नोटिस – आयुक्त पी ऍफ़

0
भदोही: अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा) व कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को मर्यादपट्टी स्थित कालीन भवन में कर्मचारी भविष्य निधि विषयक कार्यशाला में कर्मचारी भविष्य निधि व श्रम संगठन रोजगार मंत्रालय (भारत सरकार) के आयुक्त उपेन्द्र प्रताप ¨सह ने पीएफ पर पर कहा की इससे डरने की जरूरत नहीं है पी ऍफ़ किसी भी भी नियोक्ता का लॉन्ग टाइम रीटर्न है इससे नियोक्ता से कर्मचारी के बीच भवनात्मक रिश्ते बनते है कि पीएफ एक्ट वहीं लागू होता है जहां 20 कर्मचारी काम करते हैं। पीएफ के पैसे में सरकार का पैसा मिला कर दिया जाए तो कर्मचारी को राहत मिल सकती है। इसके लाभ के बारे में बताते हुए कहा कि जिसका पीएफ कटता है उसके परिवार को उस समय लाभ समझ में आता है जब दुर्भाग्य से कर्मचारी के साथ कोई हादसा हो जाए। 
ऐसी स्थि

ति में उसके परिवार को पेंशन देने का प्रावधान है। एकमा से सहयोग मांगते हुए कहा कि ऐसे मामलों बहुत से केस चल रहे हैं। मेरिट के आधार पर इन्हें समाप्त किया जायेगा। श्रम कानून को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है। कर्मचारियों का खुलासा करें। मार्च तक योजना है। अप्रैल से कड़े कदम उठाने के आदेश हैं। छूटे हुए लोगों के साथ दिक्कत आ सकती है। निर्यातकों से आह्वान करते हुए कहा कि आप यह देख लें जो आप के अंदर में काम कर रहे हैं। बताया कि 650 निर्यातकों का पीएफ में रजिस्ट्रेशन नहीं है उनको नोटिस भेजा गया है। कार्यशाला को शाहिद इकबाल ने भी संबोधित किया।

सीइपीसी के प्रथम उपाध्यक्ष सिद्धनाथ ¨सह ने कहा कि कालीन उद्योग को बालश्रम के नाम पर बदनाम किया गया। इसके चलते उद्योग पिछड़ गया है। इसे पटरी पर लाने के लिए अतिरिक्त प्रयास की जरूरत है। कार्यशाला में एकमाध्यक्ष गुलामन अंसारी, विनय कपूर, पीयूष बरनवाल, हाजी शौकत अली, अब्दुलरब, शमीम अंसारी, असलम महबूब, तनवीर हुसैन, मकसूद अंसारी, हाजी अब्दुल हादी, उमेश गुप्ता, शिवसागर तिवारी, जेपी गुप्ता, एचएन मौर्य, तिलकराज खन्ना, मो. रजा खां, हाजी रइस, अशफाक अंसारी, फिरोज वजीरी आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply