संसद वीरेन्‍द्र सिंह ने किया एक्‍सपो का समापन

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कहा कालीन उद्योग ही नही बल्कि हमारा पुश्तैनी काम, परम्परा और संस्कृति भी है
वाराणसी। वाराणसी के संपूर्णानंद संस्‍कृत विश्‍वविद्यालय में वस्‍त्र मंत्रालय के सहयोग से कालीन निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा आयोजित 34वां इंडिया कारपेट एक्‍सपो का शुक्रवार को सांसद व भाजपा किसान मोर्चा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष वीरेन्‍द्र सिंह मस्‍त ने समापन किया। समापन के दौरान उन्‍होने कहा कि भारतीय कालीन उद्योग एक कुटीर उद्योग है । उन्होंने ने बताया कि अभी बहुत से देश भारत के कालीन का प्रयोग होता है लेकिन इन देशों में भारत की जगह  किसी अन्य देश द्वारा निर्यात किया जाता है अभी हाल में ही उन्हें राष्ट्रपति जी के साथ इथोपिया के दौरे के सामने आई । यह एक उद्योग ही नही बल्कि पुस्तैनी काम के साथ परम्परा और संस्कृति भी है। किसान खेती के साथ ही इसे करता है जो उसे स्‍वावलंबी बनाने में काफी मददगार होती है।
हमारा कालीन उद्योग और इससे जुड़े बुनकरों की कारीगरी से दुनिया भर में भारत की पहचान बनती है। मोदी सरकार इनके लिए कई योजनाएं भी लाई है जिसमें बुनकरों के पेंशन, पुरस्‍कार देकर उन्‍हे उत्‍साहित कर रही है वहीं मुद्रा लोन के माध्‍यम से स्‍वरोजगार को भी बढ़ावा दे रही है। कालीन भेड़ के बालों से बनता है इसलिए हमारी सरकार ने भेड़ पलकों के लिए योजना भी चला रही है। नबार्ड के तहत भेड़पालकों को स्वावलंबी बनाने के लिए 10 भेड़ पर एक लाख व 100 भेंड़ पर दस लाख की राशि दे रही है जो ब्याज मुक्त है।
उन्होंने कहा आज मुद्रा लोन लेकर लोग खुद अपना व्‍यसाय कर रहे हैं।
हाल ही में भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्‍थान में एमटेक की पढ़ाई के लिए बीएचयू उसे बीएचयू में समाहित करने की प्रक्रिया चल रही है इससे जहां छात्रों को लाभ होगा वहीं नए नए तकनीक से कालीन उद्योग में नए तरह उत्‍पाद बनाए जा सकते हैं। उन्‍होने इस दौरान मेले का भ्रमण कर कहा कि कालीन हमारी गौरवशाली पंरपरा की पहचान है और लगातार इसमें नए और आकर्षक उत्‍पाद आकर्षण पैदा कर रही हैं। उन्‍होने कई स्‍टालों पर रूक कर कई उत्‍पादों की जानकारी लिया। उन्होंने परिषद के सफल आयोजन के लिए बधाई दी

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